हमारा देश कृषि प्रधान देश है, जहां पर अलग-अलग तरीके की खेती की जाती है। इस तरह से यहां पर आज हम आपको एक एसी खेती के बारे में बताने वाले हैं, जिससे आप काफी ज्यादा मात्रा में अच्छा पैसा कमा सकते हैं। आज हम आपको अश्वगंधा की खेती के बारे में बताने वाले हैं जो कि, आपको लाखों रुपए तक की कमाई आसानी से दे सकती है।
अश्वगंधा की खेती (Ashwagandha Farming Business in Hindi)
इस समय इस अश्वगंधा की खेती करके किसान मालामाल हो चुके हैं, वहीं भारत में अश्वगंधा की खेती हरियाणा राजस्थान उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब केरल और जम्मू कश्मीर में की जाती है। इसकी खेती खारे पानी में भी की जा सकती है, इसलिए इसे आप आसानी से उगा सकते हैं।
Ashwagandha Farming Business जरुरी जड़ी बूटी
आज जड़ी बूटियां के रूप में सबसे अच्छी और प्रसिद्ध अश्वगंधा है, जिससे आप तनाव दूर कर सकते हैं साथ ही चिंता दूर करने में काफी फायदेमंद है। अश्वगंधा का उपयोग आज कई तरह की बीमारियों के लिए किया जाता है, ऐसे में इसकी मांग काफी अधिक बनी रहती है। साथ ही अश्वगंधा के फल, फुल और जड़ का प्रयोग करके कई तरह की दवाइयां बनाई जाती है, इसलिए पूरा पौधा ही आपको पैसे देता है।
50 फ़ीसदी तक अधिक मुनाफा Ashwagandha Farming Business
यदि आप एक किसान है और अभी तक सिर्फ मक्का गेहूं की खेती कर रहे हैं तो आपको बता दे कि, यह खेती आपको इन खेती के मुकाबले 50 फ़ीसदी तक अधिक मुनाफा दे सकती है।
यही वजह है कि, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इसे बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते हुए देखी जा सकते हैं। अश्वगंधा एक औषधीय पौधा होता है जो की, एक झाड़ीनुमा पौधा है, लागत से कहीं गुना मुनाफा इसके माध्यम से आप हासिल कर सकते हैं और इससे अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
इस तरह करे अश्वगंधा की खेती (Ashwagandha Farming)
भारत में अश्वगंधा की खेती मैदानी इलाकों में ज्याद होती है, इसकी बाआई सितम्बर से अक्टूबर में शुरू हो जाती है। इसमें अच्छी किस्म का करीब 6 किलो बीज एक एकड़ के लिए पर्याप्त है। भारत में अश्वगंधा की पाई जाने वाली उन्नत किस्मों में पोशिता, जवाहर असगंध-20, डब्यलू एस।-20 व डब्यलू एस।-134 किस्में अच्छी मानी जाती हैं। वही 7-8 दिनों में बीज अंकुरित हो जाते हैं। अश्वगंधा की फसल 170 दिनों में तैयार हो जाती है।
Ashwagandha Farming Business कितना होगा मुनाफा?
अश्वगंधा की खेती करने पर अपको कुल खर्च करीब 50 हजार रुपये तक आता है। इसमें बीज और खाद का खर्च करीब 6500 रुपये होता है। इस तरह से इसमे निराई-गुड़ाई, कटाई और जड़ें उखाड़ने पर प्रति एकड़ करीब 40 हजार रुपये मजदूरी लग जाती है, लेकिन इसकी कीमत आज लाखो रुपय में होती है, जिससे आप मालामाल हो सकते है।