अब विदेश जाने की भी जरूरत नही, भारत में यह कोर्स करने के बाद आपको 20 से 40 लाख मिलेगी सेलेरी, 12वी पास आज ही करे कोर्स

अज के समय में कई जॉब प्रोफाइल आपको देखने को मिलती है, उन्ही में से एक Cloud Architect भी होता है, यह कंप्यूटर फिल्ड से जुड़ी हुई एक जॉब है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं। यदि आप अच्छी सैलरी पाना चाहते हैं तो, आप क्लाउड Architect बनकर इस फील्ड में काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं, मौजूदा समय में सभी काम कंप्यूटर और इंटरनेट पर निर्भर ही ऐसे में Cloud Architect प्रोफेशनल की काफी ज्यादा डिमांड आज मार्केट में देखी जाती है।

क्लाउड आर्किटेक्ट में करियर (Career in Cloud Architect in India)

इस कोर्स को करने के लिए आपको 12वीं पास होना आवश्यक है, 12वीं पास छात्र क्लाउड कंप्यूटिंग कोर्स कर अपना कैरियर बना सकते हैं और इसके बाद वह अपने देश में ही नहीं की बल्कि विदेश में भी नौकरी आपको मिल जाएगी।

इसमें बैचलर डिग्री से लेकर PG डिग्री तक के कोर्स शामिल होते हैं, क्लाउड कंप्यूटिंग कंप्यूटर साइंस की एक ब्रांच होती है, जिसमें अलग तरीके से प्रोग्रामिंग की जाती है। क्लाउड कंप्यूटिंग में यूजी प्रोग्राम में सॉफ्टवेयर डिजाइन मैनेजमेंट जैसी टेक्नोलॉजी स्किल की पढ़ाई करवाई जाती है, जिन्हें सिखने के बाद Cloud Architect बन जाता है।

Career in Cloud Architect in India
Career in Cloud Architect in India

Cloud Architect क्या करता है? (What does a Cloud Architect do)

क्लाउड आर्किटेक्ट का वर्क प्रोफाइल काफी दिलचस्प होता है, आज के समय में यह बड़ी कंपनियों के लिए क्लाउड बेस्ड सिस्टम डिजाइन कर उन्हें इंप्लीमेंट करते हैं। यह क्लाउड कंप्यूटिंग में एक्सपर्ट होते हैं। क्लाउड आर्किटेक्ट के बारे में आपको बता दे की, इन्हें अमेजन, फ्लिपकार्ट, माइक्रोसॉफ्ट अज़ूर, गूगल क्लाउड प्लेटफॉर्म के बारे में विशेष जानकार होती हैं।

विदेश में कर सकते है नोकरी

आने वाले समय में इन प्रोफेशनल की डिमांड भारत से ही विदेशों में भी देखी जाती है, साथ इस कोर्स में सर्वर पर डाटा स्टोर करने के लिए सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाता है।

Cloud Architect की सेलेरी –

Cloud Architect कोर्स को करने के बाद इसकी सैलरी की बात करें तो, इसमें काफी अधिक सैलरी देखने को मिल जाएगी, क्लाउड कंपनी में बीटेक करने के बाद सालाना पैकेज 20 से 40 लाख रुपए तक जाता है जो कि, अनुभव के साथ-साथ धीरे-धीरे बढ़ता जाता है।