Founder of Core Integra Mahesh Krishnamoorthy Success Story in Hindi: आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने की एक समय में 7462 रुपए महीने की नौकरी करते थे, लेकिन आज मैं 400 करोड रुपए की कंपनी के MD बन चुके हैं। आज हम बात करने वाले हैं, महेश कृष्णमूर्ति की जो की कोर इंटीग्रा (Core Integra कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर है, आइये जानते हैं उनके बारे में
महेश कृष्णमूर्ति (Core Integra Founder Mahesh Krishnamoorthy Success Story in Hindi)
महेश काफी साधारण परिवार से जुड़े हुए हैं और वह उनका जन्म भी साधारण परिवार में हुआ था, बचपन में भी आम बच्चों की तरह ही गुजरा था, पिताजी सरकारी नौकरी में थे और पिता की इच्छा थी कि पढ़ लिख कर या अच्छी नौकरी करें और वही मैच बताते हैं कि, वह IAS बनना चाहते थे, लेकिन पिताजी चाहते थे कि वह पढ़ कर नौकरी करें.
7462 रुपए महीना की नोकरी की (Mahesh Krishnamoorthy Core Integra Founder Success Story)
पढ़ाई के दौरान उन्होंने का किया और भाभी से 23 साल की उम्र में वह का CA बन गए और उन्होंने 2002 में पहली जॉब आईडीबीआई बैंक में उनकी लग गई उसे समय उनकी सैलरी मात्र हजार 7462 रुपए महीना थी, लेकिन उनके मन में शुरू से ही बिजनेस करने का प्लान.
इसके बाद महेश ने कई बैंकों में नौकरियों की और कहीं जॉब भी बदली लेकिन उनका मन सिर्फ व्यवसाय करने में ही लगा हुआ था, साल 2007 में आईसीआईसीआई बैंक की जॉब छोड़ने के बाद उन्होंने खुद का स्टार्टअप शुरू किया है. इस कारण यह जानना था कि कोई भी स्टार्टअप कैसे काम करता है और उन्होंने बिजनेस कैसे खड़ा करें इसके बारे में भी काफी रिसर्च शुरू करी.
एंजल ब्रोकिंग कंपनी से भी जुड़े (Mahesh Krishnamoorthy Founder of Core Integra Success Story)
इसके बाद 2008 में एंजल ब्रोकिंग कंपनी के साथ जुड़ गई है, इसी कंपनी थी जो लोगों को निवेश से जुड़ी जानकारी प्रदान करती थी, इस दौरान मार्केट भी गिर गया साल 2009 से 2010 में उन्होंने यहां से भी जॉब छोड़ दिया फाइनेंस कंपनी के साथ जुड़ गए.
महिंद्रा की छोटी कंपनी से की शुरुआत (Mahesh Krishnamoorthy Success Story Founder of Core Integra in Hindi)
इसके बाद उन्होंने कई बार अपने व्यापार के लिए अलग-अलग बिजनेस को भी ट्राई किया इस दौरान उन्होंने सोचा कि वह किसी ऐसे बिजनेस को करें जहां पर कम लागत के साथ में प्रॉफिट भी हो सके, उन्होंने अपना कांटेक्ट के माध्यम से महिंद्रा ऐंड महिंद्रा कंपनी की एक ऐसी कंपनी मिली, जिसमें उनका चलाने की अनुमति मिल गई. लेकिन उनका महिंद्रा का सिर्फ नाम था और उनका कोई सपोर्ट नहीं था, ऐसे में यह ज्यादा दिन नहीं चल पाई और उनकी सेविंग भी खत्म होने लगी थी.
Core Integra कंपनी ने बनाया लखपति (Mahesh Krishnamoorthy Success Story Core Integra Founder in Hindi)
महिंद्रा की एक कंपनी को संभालने के दौरान महेश को अपनी कंपनी वाली फीलिंग नहीं आ रही थी। इसके बाद साल 2021 में उन्होंने इस कंपनी को छोड़ दिया। इस दौरान उन्होंने Core Integra कंपनी में हिस्सेदारी ली। दरअसल, इस कंपनी के पुराने मालिक का निधन हो गया था और निवेशक उसे बेच रहे थे, कंपनी पर उस समय करीब 12 से 14 करोड़ रुपये का कर्ज भी था। ऐसे में महेश को इस कंपनी में अपना भविष्य दिखाई दिया।
400 करोड़ रुपये हुई कम्पनी की वेल्यु (Mahesh Krishnamoorthy Success Story in Hindi Core Integra)
उन्होंने इसके बाद कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी लेकर इसके एमडी बन गए, आज कंपनी पर एक रुपया भी कर्ज का नहीं है। और साल 2021 में जहां कंपनी की वैल्यू 30 करोड़ रुपये थी, अब वह 400 करोड़ रुपये हो गई है।