Ganesh Chaturthi Pujan Muhurat Date, Time, Puja Vidhi, Katha, Benefits, Advantages, Importance and Significance in Hindi: हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है, गणेश चतुर्थी भगवान श्री गणेश को समर्पित है और यह पर्व गणपति बप्पा के जन्म उत्सव के रूप में जाना जाता है और इससे देश भर में मनाया जाता है. इस साल गणेश चतुर्थी काफी धूमधाम से मनाने के लिए तैयारी हो चुकी है.
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi Pujan Muhurat)
मान्यता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को श्री गणेश जी का जन्म हुआ था, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार गणेश चतुर्थी आमतौर पर अगस्त के सितंबर के महीने में आती है. वही इस साल 2024 में गणेश चतुर्थी 7 सितंबर शनिवार को मनाए जाने वाली है. गणेश चतुर्थी के दिन लोग बप्पा को अपने घर पर लाकर विराजित करते हैं और इस त्यौहार के रौनक महाराष्ट्र के साथ-साथ अन्य प्रदेशों में भी काफी ज्यादा देखने को मिलती है.
गणेश जी की स्थापना का समय / Ganesh Chaturthi Pujan Muhurat Tithi Samya
यदि आप भी अपने घर में गणेश जी की स्थापना करना चाहते हैं और इसके लिए शुभ मुहूर्त की तलाश कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि, भगवान गणेश का जन्म मध्य काल के समय हुआ था. इसलिए मध्यान के समय को गणेश पूजन के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है.
मध्यान में है शुभ मुहूर्त / Ganesh Chaturthi Pujan Shubh Mahurat
मध्यान्ह काल अंग्रेजी समय के अनुसार दोपहर का समय होता है, इस दिन पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन मध्यान गणपति पूजा मुहूर्त सुबह 11:00 बज कर 3 मिनट से दोपहर 1:33 तक रहेगा, वहीं पूजन की कुल अवधि 2 घंटे 31 मिनट तक रहने वाली है, इसमें आप गणेश जी की स्थापना अपने मंदिरों में कर सकते हैं.
चतुर्थी तिथि कब से कब तक रहेगी / Ganesh Chaturthi Vrat Date and Time
पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 06 सितंबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट से 07 सितंबर 2024 को शाम 05 बजकर 37 मिनट तक रहेगी।
गणेश विसर्जन की तारीख / Ganesh Chaturthi Pooja Archana Vidhi
गणेश उत्सव या गणेश उत्सव 10 दिनों तक चलता है, यह अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है और इस दिन को गणेश विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है. इस साल गणेश विसर्जन 17 सितंबर 2024 मंगलवार तक होने वाला है. उस दिन को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है और इस दिन भक्त धूमधाम से बप्पा की विदाई करते हैं, भगवान गणेश के प्रतिमा को तालाब जिले नदी में विसर्जित किया जाता है और यह त्यौहार मनाया जाता है.