Manorama Singh Success Story: इस विधि से मछली पालन कर यह महिला बनी आज लखपति, देखे इसकी तकनीक और तरीका

Manorama Singh Success Story: दोस्तों आज के समय में पैसा कमाने के लिए लोग कई तरह के अलग-अलग बिजनेस तरीकों का इस्तेमाल करते हैं ऐसा ही एक तरीका फिश फार्मिंग भी है। इसके बारे में आज हम बताने वाले हैं, इस बिजनेस के माध्यम से देवरिया जिले(Deoria News) की तहसील के पिपरापट्टी गांव निवासी महिला किसान मनोरमा सिंह बायोफ्लॉक मछली पालन करती है जो कि, आज सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी है।

Manorama Singh Success Story in Hindi

आपको बता दे की मनोरमा ने 5 एकड़ भूमि पर सामान्य विधि से मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया था लेकिन आज यह सालाना ₹8 लाख तक आसानी से कमा लेती है। इस महिला किसान ने अपने बारे में बताया है कि उन्होंने इस बिजनेस को सिर्फ 3 साल पहले बायोफ्लाक्स तकनीक(Biofloc Technology) से मछली पालन करना शुरू किया था, उन्होंने विकास भवन स्थित मत्स्य पालन विभाग में संपर्क स्थापित किया, जहां उन्हें बायोप्लास्ट तकनीक की जानकारी दी गई और विभाग द्वारा इसका प्रशिक्षण भी दिलवाया गया है।

Manorama Singh Success Story
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बायोप्लास्टिक तकनीक से मछली पालन करने के बाद उतनी ही भूमि में उन्हें आज ₹8 लाख रूपए की सालाना इनकम होते हुए नजर आ रही है।

क्या है बायोफ्लॉक तकनीक (Biofloc Technology)?

आपको बता दे की, बायोफ्लॉक तकनीक में, बायोफ्लॉक  नाम के एक बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया जाता है। सबसे पहले मछलियों को सीमेंट या मोटे पॉलिथीन से बने टैंक में डाला जाता है। उसके बाद मछलियों को समान्यत जो खाना दिया जाता है, उन्हें देते है, यहा पर जो भी कहना उन्हें दिया जाता है, मछलियां उसका 75 प्रतिशत मल के रूप में शरीर से बाहर कर देती है, अब बायोफ्लॉक बैक्टीरिया उस मल को प्रोटीन में बदलने का काम करते है। जिससे मछलियां फिर से उन्हें खा जाती हैं। जिससे उनका विकास बहुत तेजी से होता है और उनकी ग्रोथ भी बढती चली जाती है।

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मनोरमा ने शुरू किया मछली पालन – 8 लाख रूपए मिली सब्सिडी

मत्स्य पालन परियोजना को लगाने में 14 लाख रुपये के करीब उनकी लागत आई थी। इसमें से मत्स्य पालन विभाग द्वारा 8 लाख 40 हजार रुपये का अनुदान सरकार की तरफ से उपलब्ध कराया गया। उन्होंने बायोफ्लॉक विधि से अपने खेत के मध्य में 35/ 35 फीट के आकार का कृत्रिम तालाब का निर्माण कराया और फ़ंगेसियस एवं तिलापिया प्रजाति की मछलियों का पालन शुरू किया। बाकी हिस्से में क्रषि कार्य जारी रखा,

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Manorama Singh Success Story – हर 6 माह में 8 लाख रुपये की आय

महिला मत्स्य पालक मनोरमा द्वारा आज बताय गया है, की उनके इस कार्य से आज उनकी हर 6 माह में 7-8 लाख रुपये की आय हो जाती है। इस तरह से वह सालाना 16 लाख रुपये की बचत मछली पालन के व्यवसाय से उनको हो रहा है।