Founder of Parle-G Biscuit Mohanlal Dayal Chauhan Success Story in Hindi: आज मार्केट में कई सारे बिस्किट उपलब्ध है, लेकिन सबसे ज्यादा और सबसे पुराना बिस्किट अगर किसी को माना जाता है तो, वह सिर्फ Parle-G Biscuit है, जिसे आज बच्चे से लेकर बूढ़े तक पसंद करते हैं और सभी का यह फेवरेट माना गया है. आज हम आपको इसकी शुरुआत के बारे में बताने वाले हैं कि, कैसे Parle-G Biscuit की नीव रखी गयी है।
Parle-G Biscuit की कहानी (Parle-G Biscuit Mohanlal Dayal Chauhan Success Story in Hindi)
आपको बता दे की मोहनलाल दयाल एक चॉकलेट कंपनी शुरू करना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने बिस्कुट बनाने के बारे में सोचा. उस समय 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत होने के साथ विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार होने लगा था, उस समय बिस्किट को अमिरो का स्नेक्स माना जाता था, अंग्रेजों को मध्य अधिकारी और देश के राजा महाराजा ही बिस्कुट खरीद कर खा सकते थे, ऐसे में मोहनलाल दयाल ने स्वदेशी बिस्कुट बनाने की ढाणी और उन्होंने Parle-G Biscuit की शुरुआत की.
मुंबई से हुई शुरुआत / Parle G Biscuit Mohanlal Dayal Chauhan Achievement Story
मोहनलाल दयाल ने परले-ग कंपनी की शुरुआत करने के लिए मुंबई का एक एरिया चुना, जहां पर उन्होंने विले पार्ले इलाके में बिस्कुट की फैक्ट्री खोली. इसी जगह के नाम पर उन्होंने अपने बिस्किट का नाम पारले जी, रखा बाद में पारले बिस्कुट पार्ले ग्लूकोस बन गया और कंपनी ने मार्केटिंग स्ट्रेटजी के तहत पारले बिस्किट को ग्लूकोज का सोर्स बताने के लिए इसके नाम के पीछे ग्लूकोस जोड़ दिया.
कुछ समय बाद ग्लूको हटाकर G जोड़ा गया. इस तरह से इसका नाम Parle-G हो गया.
इस थर बना पहली बार बिस्किट / Parle-G Biscuit Mohanlal Dayal Chauhan Accomplishment Story
आपको बता दे की, 2011 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार पारले जी दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट है। इस फैक्ट्री शुरू करने के लिए जर्मनी से 60 हजार रुपये की मशीन आई और 12 कर्मचारियों की मदद से पारले जी बिस्किट बनकर तैयार हुआ। कुछ ही समय में पारले जी देश का सबसे ज्यादा खाया जाने वाला बिस्किट बन गया। 1938 में पारले जी बिस्किट दुनिया के सामने आया और इसे काफी लोग ने पसंद किया.
Parle-G ने बनाये कई ब्रांड्स / Parle-G Turnover and Net Worth Successful Outcome Story
मोजूद समय में Parle-G Biscuit की बात की जाए तो एक रिपोर्ट के अनुसार, पारले जी ने पिछले 2 साल में 8000 करोड़ रुपये के बिस्किट बेचे थे, वही आज मोनेको, क्रैकजैक, मिलानो और हाइड एंड सीक जैसे कई बिस्किट पारले कंपनी के ही हैं और इन्हें भारत के अलावा 6 देशों में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी हैं।