Pink Taiwan Guava Farmer Rajesh Verma Success Story in Hindi: हम सभी जानते हैं कि, कुछ सालों से उत्तर प्रदेश के किसान परंपरागत खेती को छोड़कर तकनीक के साथ में अब अलग तरह से खेती करते हुए देखे जा रहे हैं, जिसे वह काफी अच्छा पैसा भी कमा पाते हैं. खासकर आज फलों के भगवान किसानों के लिए बेहतर कमाई का जरिया बन चुकी है, कुछ ऐसा ही गोंडा जिला के रहने वाले किसान राजेश ने किया है. आज हम आपको इनके बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने ताइबानी पिंक अमरूद की खेती शुरू की है और आज उनकी किस्मत बदल चुकी है.
Pink Taiwan Guava Farmer Rajesh Verma Success Story in Hindi
ललितपुर ग्राम सभा तहसील मनकापुर जिला गोंडा के निवासी किसान राजेश शर्मा ने बताया है कि, उन्होंने 2023 में फरवरी के समय छे एकड़ में ताइबानी पिंक अमरूद की खेती शुरू की थी और 18 महीने के पौधे में एक पेड़ से 5 किलो अमरूद की पैदावार हुई है जो, आने वाले कुछ दिनों के अंदर एक पेड़ से 15 किलो के करीब पहुंच गई, ऐसे में उन्होंने अभी तक 600 पौधे उनके बाग में लगाए हैं.
अच्छी हो रही कमाई / Pink Taiwan Guava Farmer Rajesh Verma Successful Outcome Story
इस किसान ने बताया है कि, ताइबानी पिंक वैरायटी का अमरुद है, जिसमैं मिठास काफी ज्यादा होती है, इसके पौधे 6 महीने बाद ही फसल देना शुरू कर देते हैं और अमरुद अंगूर के गुच्छे की तरह खूब पड़ता है और इस अमृत की खासियत यह है एक है की 12 महीने फल देता है, किसान राजेश वर्मा बताते हैं कि, 55000 की कमाई वह अब तक इस कर चुके हैं और आने वाले वक्त में कमाई का आंकड़ा 5 से 6 लाख तक आसानी से पहुंच जाएगा.
राजेश वर्मा काफी पढ़े लिखे है / Pink Taiwan Guava Farmer Rajesh Verma Accomplishment Story
जानकारी के लिए बता दे कि, राजेश ने बीएससी और b.ed तक की पढ़ाई की है, लेकिन वह शुरू से ही किसी करना चाहते थे, इसलिए नौकरी करने के बारे में कभी उनके मन में विचार नहीं आया और उन्होंने खेती करने के बारे में ज्यादा सोचा है.
ताइवान पिंक क खासियत / Pink Taiwan Guava Farmer Rajesh Verma Achievement Story
ताइवान पिंक अमरुद की खासियत यह है की, इसका बीज भी मुलायम होता है.वहीं इसके अंदर का लेयर पिंक रंग का होता है.जो खाने में बेहद क्रिस्पी और मीठा लगता है. इस अमरूद में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी और मिनरल्स पाए जाते है.
अन्य पौधे लगाने पर दो से तीन साल में फलते है, लेकिन इसकी खासियत है की 6 महीने में इसका फल तैयार हो जाता है. इसकी ऊंचाई अधितम 6 से 7 फिट होता है, जिसे हाथो से आसानी से तोड़ा जा सकता है, इसमें पेड़ पर चढ़ने की जरूरत नहीं पड़ती है.