अब तक आपने गरीबी से अमीरी तक की कहानी सिर्फ फिल्मों में देखी होगी, लेकिन आज हम आपको हकीकत में एक ऐसी कहानी बताने वाले हैं, जिसमें आप एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जान जाएंगे, जिन्होंने काफी ग़रीबी के बाद भी आज करोड़पति बनने तक का सफर तय किया है।
Renuka Aaradhya Success Story in Hindi
आज हम आपको रेणुका आराध्या (Renuka aaradhya) के बारे में बताने वाले हैं जो की, बेंगलुरु के पास ही छोटे से गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म गरीब पुजारी परिवार में हुआ है और बचपन काफी ग़रीबी में बीता है। उनके पिता की भी जल्द ही मृत्यु हो गई, लेकिन उनकी मां ने उन्हें पाला और उन्हें बड़ा किया। कई बार उन्होंने भीख मांग कर भी खाना खाया है, लेकिन आज वह एक बड़ी कंपनी के मालिक हैं जो कि, आज करोड़ों रुपए की बन चुकी है।
व्यवसाय में पहले मिली असफलता
रेणुका के बारे में बता दे कि उन्होंने से दसवीं तक की पढ़ाई की इसके बाद उन्होंने मंदिर पुजारी का काम करना शुरू कर दिया और इसके बाद उन्होंने 20 साल की उम्र में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करना शुरू कर । उस समय कहीं पर भी वह मजदूरी करने लगते थे।
उस समय उन्होंने प्लास्टिक फैक्ट्री में भी काम किया लेकिन एक समय उन्हें अपने खुद के बिजनेस करने का ख्याल आया ऐसे में उन्होंने सूटकेस कवर का व्यवसाय करने का आईडिया आया लेकिन यह कारोबार ज्यादा सफल नहीं रहा और उन्हें ₹30000 का इसमें घाटा हुआ।
इस तरह से आया बिज़नस आईडिया
कारोबार में घाटा होने के बाद 4 साल तक एक टेबल एजेंसी में ड्राइवर के तौर पर काम करने लगे। लेकिन यहां पर ड्राइवर की नौकरी करते-करते उन्हें अपने खुद के बिजनेस को शुरू करने का एक बार फिर ख्याल आया और उन्होंने बैंक से लोन लेकर अपनी पहली कार खरीदी।। उन्हें उस समय पता चला कि एक ट्रेवल एजेंसी अपना बिजनेस बेचना चाह रही है। रेणुका ने इसे 6 लाख रुपये में खरीद लिया। उस कंपनी के पास तब 35 कैब थी। यहीं से रेणुका की किस्मत पलट गई।
40 करोड़ से अधिक का कारोबार
रेणुका का कारोबार उसे समय काफी ज्यादा सामने आया जब अमेजॉन इंडिया ने उन्हें अपने प्रमोशन के लिए चुना, समय के साथ-साथ वह वालमार्ट और जनरल मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियों के साथ साझेदारी कर काम करना शुरू कर दिया, जिसके बाद तो उनकी कंपनी काफी ज्यादा सक्सेस होते हुए देखी गई। धीरे-धीरे कंपनी का टर्नओवर बढ़ने लगा और 40 करोड़ से अधिक हो गया। आज ववह 150 लोगों से ज्यादा को नौकरी भी दे रहे हैं।