Ashadha Purnima 2024 Date Time, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Importance and Significance in Hindi: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि काफी शुभ मानी जाती है, क्योंकि सभी मां की पूर्णिमा में असर पूर्णिमा को काफी खास माना गया है और शास्त्रों में इसका काफी महत्व भी बताया गया है. बता दे कि, इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना करने का विधान है.
आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadha Purnima 2024)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, वहीं महर्षि वेदव्यास को संसार का पहला गुरु भी बताया गया ,है उनका हिंदू धर्म की संस्कृति में खास योगदान भी रहा है.
कब है? आषाढ़ पूर्णिमा / Ashadha Purnima 2024 Date and Time
इस साल 21 जुलाई 2024 को आषाढ़पूर्णिमा मनाइ जाने वाली है. इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ कुछ खास उपाय भी किए जाते हैं, जिससे कि आपको सुख समृद्धि मिलते हुए देखी जाएगी. इसी कड़ी में आज हम आपको इसके कुछ पूजन विधि के भी बारे में बताने वाले हैं.
आषाढ़ पूर्णिमा पूजा विधि / Ashadha Purnima Puja Vidhi and Mantra
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पूजन का काफी महत्व है, इस दिन गंगा स्नान करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है, इसके बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और फिर लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु की पूजा करें।
पूजा में चंदन और हल्दी का उपयोग करना शुभ होता है। इस दौरान ‘ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः’के मंत्र का 108 बार जाप करें और शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य जरुर दें, इससे जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहती है और आपको सुबह फल की प्राप्ति होती है।
आषाढ़ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Ashadha Purnima 2024 Shubh Muhurat)
आपको बता दे की इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई 2024 को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 21 जुलाई 2024 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट तक रहने वाली है, ऐसे में 21 जुलाई को इस दिन आषाढ़ पूर्णिमा मनाई जायेगी। वहीं, 21 जुलाई, रविवार के दिन स्नान-दान आदि के लिए शुभ रहेगा।
पितृ देवताओं के लिए खास / Importance and Significance of Ashadha Purnima 2024
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन अपने पितरों के लिए घर पर भोजन करवाने और उनकी पूजा का विशेष महत्व है, उनके भोजन का कुछ अंश गाय, कौआ, कुत्ता आदि को खिलाएं। इसके अतिरिक्त पिंडदान और जरूरतमंदों का दान आदि करें, इन उपायों को करने से नाराज पितृ प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।