3 कर्मचारी के साथ शुरू किया अपना बिजनेस, आज कम्पनी पहुच चुकी है, 100 करोड़ के टर्न ओवर पर देखे Ishaan Singh Bedi Success Story

Synchronized Supply System Limited Founder Ishaan Singh Bedi Success Story in Hindi: यदि कोई बिजनेस में सक्सेज होना चाहता है और इसके लिए वह अपनी मंजिल तक पहुंचाने की ठान ली तो कुछ भी कर सकता है। आज हम आपको एक ऐसे ही लड़की के सफलता के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने अपने बिजनेस कैरियर को काफी जोखिमयों के बावजूद भी उसे बेहतर तरीके से आगे बढ़ाया है और आज उसकी कंपनी 100 करोड रुपए की कंपनी बन चुकी है।

Ishaan Singh Bedi Success Story in Hindi

आज हम आपको ईशान सिंह बेदी के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने सिर्फ ₹8 लाख तीन कर्मचारी और ट्रक के साथ 2007 में लॉजिस्टिक कंपनी की शुरुआत की थी लेकिन आज इनका टर्नओवर करीब 100 करोड रुपए पहुंच चुका है और आज उनकी कंपनी में 700 कर्मचारियों के साथ दूसरे ट्रक को का बेड़ा हासिल हो चुका है ईशान ने पिता से अनबन के बाद 25 साल की उम्र में पारिवारिक बिजनेस छोड़ दिया था लॉजिस्टिक के क्षेत्र में अपनी कंपनी सिंक्रनाइज्ड सप्लाई सिस्टम लिमिटेड शुरू की उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है

Ishaan Singh Bedi Triumph Smash Story in Hindi
Ishaan Singh Bedi Success Story in Hindi

इस तरह शूरू किया बिज़नस / Owner of Synchronized Supply System Limited Ishaan Singh Bedi Success Story

ईशान की कंपनी का नाम है सिंक्रोनाइज्‍ड सप्लाई सिस्टम्स लिमिटेड, जब देश में थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स (3PL) का बोलबाला बढ़ा तब उनकी कंपनी ने भी तरक्की की, धीरे-धीरे उनके ट्रक बढ़ने के साथ गोदाम का स्पेस भी बढ़ता गया और उनकी कम्पनी में नये ट्रक जुड़ते चले गये। ईशान दिल्ली के रहने वाले हैं और  पहले साल टर्नओवर 78 लाख रुपये था। 2013 तक आते-आते इसने 50 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया।

पिता ने दिया कम्पनी में साथ / Success Story of Ishaan Singh Bedi in Hindi Synchronized Supply System Limited 

एक समय ईशान सिंह बेदी ने अपने पिता की कस्टम क्लियरेंस और फ्रेट फॉरवर्डिंग कंपनी में काम करते हुए गुरुग्राम के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट से बैंकिंग और फाइनेंस में ग्रेजुएशन किया, इसके बाद साल 2007 में उन्होंने अपनी लॉजिस्टिक्स कंपनी, सिंक्रोनाइज्ड सप्लाई सिस्टम्स लिमिटेड शुरू करने की इच्छा जताई.

लेकिन उसे समय के परिवार वालों ने साथ नहीं दिया और परिवार वाले इस आईडिया से खुश भी नहीं थे. लेकिन उनके पिता ने ₹8 लाख की पूंजी देकर उनका साथ निभाया. आज उनकी कंपनी उसे मुकाम तक पहुंच चुकी है जहां पर आज उनके पास 700 कर्मचारी है और आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड रुपए तक पहुंच चुका है.