Success Story in Hindi : दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के बारे में तो हम सभी ने जरूर सुना होगा कि, यहां पर एक समय आतंकवाद का साया था और यह आतंकवाद का गढ़ माना जाता था, लेकिन आज यह जगह दुनिया भर में किसानों के लिए प्रेरणा बनी हुई है। यहां के निवासी अब्दुल अहद लोन ने जिस तरह से सफल उद्यमी बनकर आज सभी के लिए प्रेरणा दी है, वह किसी से काम नहीं है।
अब्दुल अहद लोन (Abdul Ahad Lone Success Story in Hindi)
आज हम आपको अब्दुल अहद लोन के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने एक किसान के रूप में Vermicompost यूनिट्स बनाई है, और आज उन्होंने सफलतापूर्वक कई लोगो को रोजगार भी प्रदान किया है। आज वह खुद इससे सालाना करोड़ों रुपए कमा रहे हैं, लेकिन साथ ही कई गांव के लोगों को भी उन्होंने रोजगार प्रदान करवाया है।
इस तरह हुई शुरुआत
आपको बता दे की, अब्दुल अहद लोन ने पहली बार ऑर्गेनिक फार्मिंग और जैविक खेती के बारे में सन 1996 में सुना था, उसके बाद से ही वह इसके बारे में जानकारी जुटा रहे थे, एक बार वह मुंबई से कश्मीर तक की ट्रेन जर्नी में सिक्किम के एक ऐसे किसान से मिले जो की ऑर्गेनिक खेती करता था, उस की मुलाकात के बाद वह जैविक खेती को समझने लगे और उसके बाद उन्होंने जैविक खेती की शुरुआत की है। ऑर्गेनिक खेती के बारे में उनसे राय मशवरा लेते रहे साल 2002 में सिक्किम के किसानों ने उन्हें जैविक खेती से उत्पादन करके वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की सलाह दी, इसके बाद उन्होंने इसकी शुरुआत की।
15 दिन की ट्रेनिंग ली
अब्दुल अहद लोन ने कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) अनंतनाग की देखरेख और मार्गदर्शन में 15 दिन तक ट्रेनिंग भी हासिल की, और छह क्विंटल प्रति गड्ढे की क्षमता वाले 30 कंक्रीट गड्ढों वाली वर्मी कंपोस्ट यूनिट को शुरू किया। इससे खेत की उर्वरकता में सुधार हुआ वही आय के अतिरिक्त स्रोत में उनके बढ़ते चले गये।
50000 रुपये की रोजाना इनकम
अब्दुल अहद लोन आज अपनी यूनिट से 1,000 बेड्स में पांच टन वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन रोज करते हैं। इससे उन्हें 50,000 रुपये की इनकम रोज होती है। वही उनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये था।
50 साल के अब्दुल अहद लोन के मुताबिक जब इसकी शुरुआत की थी उस समय कश्मीर में वर्मी कंपोस्ट जैसी किसी भी चीज के बारे में कोई नहीं जानता था, लेकिन आज वह इससे कई लोगो को रोजगार प्रदान कर रहे है।