Success Story in Hindi : आज हम आपको 30 साल के इंजीनियर गौरव पचोरी की सफलता के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने 4 साल तक दिल्ली में सरकारी परीक्षा में असफल होने के बाद राजस्थान लौटकर स्वयं के लिए मोती की खेती करने का फैसला किया. आज उन्होंने पर्ल फार्मिंग में 5 दिन की ट्रेनिंग के बाद खुद का काम शुरू किया और आज वह इस बिजनेस से लाखों रुपए की कमाई करते हुए देखे जा सकते हैं,आइये जानते हैं उनकी सफलता की कहानी के बारे में.
Pearl Farmer Gaurav Pachauri Success Story in Hindi
गोरव पचोरी ने सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए 4 साल तक दिल्ली में पढ़ाई की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली, इससे मैं उन्होंने असफल होने के बाद किसान बनने का फैसला लिया और आज वह मोती की खेती के लिए जाने जाते हैं, मोती की खेती सेवा इस समय लाखों रुपए की कमाई करते हुए देखे जा सकते हैं.
मोतियों की खेती शुरू की
गौरव नीचे 4 साल तक जी तोड़ मेहनत की उसके बावजूद भी उन्हें नौकरी में सफलता नहीं मिली तो, उन्होंने खेती को चुना और खेती में भी वह कुछ अलग करना चाहते थे,
ऐसे में उन्होंने मोतियों की खेती के बारे में सुना और इसके लिए उन्होंने कुछ दिनों की ट्रेनिंग भी ली और उन्होंने उसके बाद की मोती की खेती करने का फैसला कर लिया.
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21 महीने में 80 लाख रुपए का मुनाफा
गौरव ने इस काम में सब कुछ झोंक दिया, गौरव ने इसमें 21 लाख रुपए लगाए और 150 बाय 80 फीट का तालाब बनाने में ही उन्हें ₹8 लाख खर्च हो गए, उन्होंने तालाब में 1.15 लाख सीप डालें, एक लंबी और मेहनत वाली यात्रा रही थी. 21 महीने की कड़ी मेहनत के बाद आखिर उन्हें सफलता मिली और उन्होंने अपने तालाब से 110 मोती निकाले, इन मोतियों को बेचकर आज उन्होंने लगभग 1.25 करोड़ मिले हैं, जिसमें सपना खर्च निकालने के बाद गौरव को आज 80 लाख रुपए का मुनाफा हुआ है, उन्होंने खुद 55 लाख रुपए कमाए जो उनके निवेश का करीब ढाई गुना अधिक था.
लोग ले रहे उनसे प्रेरणा
मोतियों की खेती करना आसान नहीं है, ऐसे में गौरव का यह फैसला काफी बड़ा था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने आज सफलता पाई है. आज गौरव पचोरी का सफर लगन और मेहनत की वजह से काफी बेहतर हो चुका है. आज उनकी कहानी लोगों को प्रेरित करते हुए देखी जा रही है और उनकी प्रेरणा से आज कई लोग अपने स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाह रहे हैं.