सावन मास में इस दिन आने वाली है Nag Panchami, जाने इस दिन का महत्व और इसका मुहूर्त

Nag Panchami 2024 Date, Time, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Importance and Significance in Hindi: सावन मास का महीना शुरू होने वाला है और ऐसे में इस महीने आपको कई व्रत और त्योहार भी देखने को मिल जाएंगे, इस बीच में आपको नाग पंचमी का दिन भी आने वाला है जो कि, सावन के महीने में आता है. नाग पंचमी ,राजस्थान, उड़ीसा, सहित देश के कई राज्यों में काफी ज्यादा महत्व माना गया है और इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन पूजा अर्चना करने से जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है, वही सिर्फ वही से भी इस से मुक्ति मिलती है.

सावनमास की नागपंचमी (Nag Panchami 2024 Date and Time)

जानकारी के लिए बता दे कि, इस वर्ष  25 जुलाई दिन गुरुवार को नाग पंचमी आने वाली है, वहीं कुछ राज्यों में सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 9 अगस्त दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी. सावन मास भगवान शिव का प्रिय है, ऐसे में शिव के साथ नाग देवता की भी पूजा अर्चना करने का काफी महत्व माना गया है.

आठ नागो की होती है पूजा (Nag Panchami 2024 Puja Vidhi)

नाग पंचमी पर मुख्य रूप से आठ नाग देवताओं की भी पूजा की जाती है और इसमें , तक्षक, कर्कोटकस्य और धृतराष्ट्र, वासुकि, ऐरावत, मणिभद्र, कालिया, धनंजय । इनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सर्प भय से मुक्ति मिलती है।

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Nag Panchami 2024

Nag Panchami पर बन रहा सुबह मुहूर्त (Nag Panchami 2024 Shubh Muhurat)

इस बार सावन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा जो की, 25 जुलाई 2024 को आने वाला है. वही नाग पंचमी पर इसका शुभ योग भी बनते हुए देखा जा रहा है. इस दिन शुक्र आदित्य योग का शुभ सहयोग भी रहेगा, यह शुक्ल पक्ष की मंच में तिथि यानी 9 अगस्त को देश के अन्य राज्यों में भी नाग पंचमी मनाई जाएगी.

इस तरह से की जाती है पूजा अर्चना

नाग पंचमी के दिन लोग सुबह में स्नान ध्यान कर शिवालय पूजा अर्चना करने के लिए जाते हैं, इसके बाद घर के गेट पर घर के मंदिर और रसोई के बाहर दरवाजे पर दोनों तरफ पुताई करके कोयले से नाग देवता के चिन्ह भी बनाए जाते हैं और उनकी पूजा अर्चना की जा सकती है. वही लोग इस दिन भगवान शिव की भी पूजा अर्चना करते हैं और दूध अर्पित करते हैं.

घर के नाग देवताओं की पूजा करने के बाद कई लोग खेतों या फिर ऐसे स्थान पर दूध का कटोरा भी रखते हैं, जहां नागो के आने-जाने की संभावनाएं होती है, इस तरह से उन्हें धूप, ध्यान, दीप अर्पित करके पूजा की जाति है.