Organic Farming Niranjan Success Story in Hindi: आज हम आपको बिहार के कैमूर जिले के रहने वाले कल्याणीपुरा गांव के निरंजन कुमार के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने आज ऑर्गेनिक खेती करके लाखों रुपए की कमाई की है और आज कई किसानों के लिए आदर्श बने हुए हैं निरंजन ने खेती में आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए कृषि प्रणाली विकसित की है, जिसके माध्यम से वह काफी बेहतर कमाई करते हुए नजर आ रहे है.
निरंजन कुमार की सफलता की कहानी (Organic Farmer Niranjan Success Story in Hindi)
आपको बता दे कि आज निरंजन ने सरकारी योजनाओं की मदद से कृषि विभाग मध्य सेवा पर पशुपालन विभाग से मदद लेते हुए अपने खेतों में एक फॉर्म बनाया है, जहां उन्होंने दो तालाब बनवाये और इन तालाबों में वह घास किस्म की मछलियां पलते हैं जो घास खाती है.
बता दे कि यह मछलियों में कॉमन ग्रास क्रॉप की किस्म की मछली है जो घास खाती है। और उनके अलावा कुछ मछलियां बैठकों के खान और गूलर और शहतूत के पेड़ों के पत्ते और फल खाकर भी बड़ी होती है, वही कुछ मछलियां गूलर के वृक्ष फल और पत्तियों को हर बनती है, उन्हें मछलियों को ही इन्होंने पालन शुरू किया है.
मछली पालन से हुआ काफी फायदा फायदा / Organic Farms Owner Niranjan Achievement Story
आज निरंजन बताते है, की उनके पास इस तालाब में 125 बत्तख है जो, तालाब में मछलियों के लिए उपयोगी है।
दिन भर बत्तख तालाब में तैरते रहते है और मछलियों के लिए फीड देते, यह उनका भोजन बनता है। जब बत्तखों को दाना डाला जाता है तो कुछ दाना तालाब के किनारे गिर जाता है और बत्तख अपनी चोंच पानी में धोते हैं, तो मछलियों का आहार बनता है।
15 बकरियां और 5 अन्य जानवर / Organic Farm Niranjan Accomplishment Story
यह दाना मछलियों के लिए भोजन बन जाता है। निरंजन के फार्म में 250 मुर्गियां भी हैं जो रोजाना अंडे देती हैं। उसके अलावा उनके फार्म में 15 बकरियां और 5 अन्य जानवर भी हैं। साथ ही मुर्गे से अच्छी कमाई होती है। पशुओं के मल मूत्र से वो अपने खेतों के लिए खाद तैयार करते हैं, और उससे भी वह काफी अच्छी कमाई करते हुए नजर आते है।
लाखो रूपए की कमाई / Niranjan Successful Outcome Story
Niranjan Net Worth and Turnover in Rupees: उनके पास फार्म हाउस में शहतूत और वाला के पेड़ भी है, जिनके पत्ते बकरियों का भोजन बनते हैं. आज वह खेतों में किसी भी तरह का रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करते हैं और इन पशुओं के मल मूत्र से ही खास तैयार कर खेतों में डालते हैं, इस तरह से वह हर साल लाखो रूपए की कमाई कर रहे है।