Lok sabha constituency in Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश भारत के दक्षिण पूर्वी तट पर स्थित है, जो की एक कुशल प्रदेश में से एक माना जाता है जिसकी स्थापना 1 नवंबर 1956 को की गई थी। इस प्रदेश को धान का कटोरा भी कहा गया है। आइये जानते है इस प्रदेश के कुछ राजनितिक मायने।
Lok sabha constituency in Andhra Pradesh –आंध्र प्रदेश में लोकसभा सीटें
आज आंध्र प्रदेश देश में राजनीतिक तौर पर भी काफी अहम मायने रखता है। आपको बता दे कि, इस प्रदेश में 175 सीटों की विधान सभा है, वह लोकसभा में राज्य के कुल 25 सदस्य शामिल है। यहां दो प्रमुख नदियां, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं।
आंध्र प्रदेश में विधानसभा सीटें?
आंध्र प्रदेश में विधानसभा में 175 सदस्य होते हैं जो फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट प्रणाली के तहत वयस्क सार्वभौमिक मताधिकार द्वारा चुने जाते हैं। इसके साथ ही यह विधानसभा की अवधि में पहली बैठक के लिए नियुक्त तिथि से पांच वर्ष के लिए होते है, जब तक कि विधानसभा को जल्दी भंग करने का निर्णय नहीं लिया जाता।
आंध्र प्रदेश विधान परिषद में कितने सदस्य हैं?
इस समय राज्य के विभाजन तक आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्यों की कुल संख्या 90 है। आंध्र प्रदेश विधान परिषद की वर्तमान सदस्य संख्या 58 है। विधान परिषद एक स्थायी विधायी निकाय है। इसके साथ ही यह 1/3 सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष में सेवानिवृत्त हो जायेंगे।
लोकसभा चुनाव में पार्टियों का गठबंधन
आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 होने से पहले कई पार्टियों के बिच गठबंधन को लेकर भी काफी गर्माहट देखी जा सकती है। इसको लेकर जन सेवा के पवन कल्याण ने भी चुप्पी तोड़ी है और कहां है कि वह चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले आंध्र प्रदेश में बीजेपी, टीडीपी और जन सेना पार्टी के बीच गठबंधन हो जाए जिसके कई फायदे प्रदेश को देखने को मिल जायेगे। इसको लेकर जन सेना चीफ सदस्य बने पवन कल्याण ने कहा, मुझे पता है कि, तीनों दलों को एक साथ लाने के लिए मैंने कितनी मेहनत की है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारा न बंटे।
इसके लिए मैंने कड़ी मेहनत की और राष्ट्रीय नेताओं से कितनी डांट-फटकार सुनी है।
पिछली बार YSRCP ने जीती थीं 22 सीटें
आपको बता दे की, आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें हैं। जिसमे बीते लोकसभा चुनाव 2019 में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने कुल 22 सीटो पर अपनी जीत दर्ज की थी, लेकिन पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने महज तीन सीटों पर ही जीत दर्ज हुई थी।